मोरैड़ा
मोरैड़ा
यहां जो फोटो दिया गया है, यह आमतौर पर जानवरों को खिलायी जाने वाली घास है। जो इस मौसम में खेतों की मेंडों पर स्वतः ही उग आती है। मेरे गांव सेवा, जिला सवाई माधोपुर, राजस्थान में इसे ‘मोरैड़ा’ नाम से जाना जाता है। इसके दो महत्वपूर्ण उपयोग बतला रहा हूं। यद्यपि इसका सेवन किसी जानकार और अनुभवी हेल्थ एक्सपर्ट की देखरेख में करना उचित होगा।
1. रक्त में थक्के बनना रोकता है। इस प्रकार इसका सेवन लकवा, ब्रेन हेमरेज, हार्ट अटैक आदि से बचाव करता है।
2. जीवाणू नाशक है। यानी एंटी बैक्टीरियल है।
सभी उदार साथियों से निवेदन है कि आप जनहित में अपने जिले और राज्य का नाम लिखकर कमेंट में बतायें कि आपके एरिया में इसे किस नाम से जाना जाता है और इसका उपयोग किन-किन तकलीफों के निदान हेतु किया जाता है। जोहार।
आदिवासी ताऊ-8561955619, 20.01.2021