इम्यूनिटी बढायें और स्वस्थ रहें-Increase immunity and stay healthy
कमजोर इम्युनिटी के लक्षण (Symptoms of Poor Immunity):
शारीरिक श्रम या व्यायाम नहीं करने से इम्यूनिटी कमजोर होने और बीमार पड़ने का खतरा दोगुना बढ़ जाता है। अत: विशेषज्ञों के मुताबिक, कम से कम 30 मिनट नियमित रूप से कठोर शारीरिक श्रम या व्यायाम अवश्य करना जरूरी है।
वर्तमान समय में भागदौड़ भरी जिंदगी में, हर समय, प्रत्येक व्यकित को तनाव की समस्या बनी रहती है, लेकिन लंबे समय तक तनाव होने या तनाव रहने से इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है। कुछ एक्सपर्ट्स यहां तक दावा करते हैं कि 90 फीसदी बीमारियों के लिए, जिसमें कैंसर और हार्ट डिजीज भी शामिल हैं, कहीं न कहीं तनाव जिम्मेदार होता है।
शोधकर्ताओं के मुताबिक, एक घंटे के लिए खुल कर हंसने वाले लोगों का इम्यून सिस्टम, अन्य लोगों के मुकाबले ज्यादा मजबूत होता है। इसके विपरीत लोगों के जीवन से हंसी गायब होती जा रही है। अधिकतर लोगों के चेहरे गंभीर या बुझे हुए दिखते हैं। जिसके कारण उनकी इम्यूनिटी कमजोर हो रही है।
मोटापे का सीधा संबंध अनियमित एवं अनुचित भोजन और शारीरिक श्रम या व्यायाम की कमी से है। मोटापे के कारण इम्युनिटी कमजोर होती है।
नियमित रूप से पर्याप्त नींद न लेने का इम्यून सिस्टम पर नकारात्मक असर पड़ता है। इससे कीटाणुओं से लड़ने के लिए वांछित प्रतिरक्षा प्रणाली की कोशिकाएं कम होने लगती हैं और आप कई बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं। इम्यून सिस्टम को मजबूत करने के लिए नियमित रूप से समय पर न्यूनतम 6 से 8 घंटे की गहरी नींद लेना बहुत जरूरी है। जिसमें रात्रि 12 से 04 बजे की नींद का शामिल होनी जरूरी है।
सही समय पर, शरीर की मांग के अनुरूप उचित मात्रा में पानी नहीं पीने का बुरा असर इम्यून सिस्टम को कमजोर कर देता है। इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाये रखने और स्वस्थ बने रहने के लिए 24 घंटे में 2-3 लीटर पानी अवश्य पीना चाहिये।
कुछ लोग बिना सोचे-समझे अधिक सक्रिय यानी एक्टिव रहने के लिए दिन में 3-4 कप कैफीन का सेवन कर लेते हैं। जबकि ज्यादा मात्रा में कैफीन का सेवन करने से तंत्रिका तंत्र उत्तेजित हो जाता है। जिसकी वजह से शरीर में तनाव बढ़ने लगता है और तनवा की वजह से कोर्टिसोल रिलीज होने लगते हैं, जिससे इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है।
बाजार में इन दिनों जंक फूड को बेचने का चलन तेजी से बढा है। किसी भी वस्तु की विक्री, क्रेताओं की मांग पर निर्भर करती है। युवा पीढी जंक फूड के जाल में फंस चुकी है। जंक फूड में अस्वस्थ फैट और ऑयल होते हैं, जो शरीर के लिए हानिकारक होते हैं। जिनके कारण इम्यून सिस्टम कमजोर होने तथा मोटापा बढने का खतरा बढ जाता है।
अनेक लोग आलस, सुस्ती या आधुनिकता के चलते हाइजीन के बारे में ज्यादा ध्यान नहीं देते हैं, जिसकी वजह से इम्यून सिस्टम कमजोर होने लगता है। जैसे-हाथ धोए बिना भोजन करना, जबकि हाथ सीधे तौर पर कई कीटाणुओं के संपर्क में आते रहते हैं। अस्वस्थ या संक्रमणग्रस्त लोगों के साथ एक थाली में भोजन करना। इन सबकी वजह से इंफेक्शन होने तथा बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है। हाइजीन में रोज नहाना, हाथ धोकर भोजन करना, नाखूनों को साफ रखना भी शामिल होता है।
किसी भी व्यक्ति का इम्यून सिस्टम यकायक या थोड़े से समय में खराब या बहुत ज्यादा कमजोर नहीं होता है। यह स्थिति लम्बे समय तक अपने स्वास्थ्य की अनदेखी करने का अंतिम दुष्पपरिणाम होता है। इसलिये इसे सुधारने यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने में भी लम्बा समय लगता है। जिसके लिये नियमित रूप से धैर्यपूर्वक उचित उपचार लेना और पोषक औषधियों का लम्बे समय तक सेवन बहुत जरूरी है। इससे भी जरूरी है, पाचन तंत्र को ठीक करना। क्योंकि यदि पाचन तंत्र स्वस्थ नहीं होगा तो पोषक तत्वों या औषधियों का सेवन करना भी निरर्थक हो जायेगा। जबकि कमजोर इम्यून सिस्टम से परेशान अधिकतर लोग तुरत-फुरत परिणाम चाहते हैं, जो बहुत मुश्किल, बल्कि असंभव है। इस कारण ऐसे लोगों की लुटाई भी होती रहती है।
मैं अपने पेशेंट्स को डाइजेशन सिस्टम को ठीक करने हेतु और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाने हेतु लक्षणानुसार होम्योपैथिक दवाइयों तथा इम्यूनिटी बूस्टर पाउडर के साथ-साथ जरूरत के अनुसार लीवर क्लींजिंग एंड क्योरिंग पाउडर, कायाकल्प पाउडर, इंडाइजेशल क्योर पाउडर, ऑर्गेनिक ऑर्गेनिक फ्लैक्ससीड्स, लॉस्ट पावर गेनर पाउडर, स्टैमिना एवं बलवर्धक पाउडर आदि भी उपलब्ध करवाता हूं। इसी क्रम में आज 03.02.2020 को फिर से Immunity Booster Powder (इम्यूनिटी बूस्टर पाउडर-रोग प्रतिरोधक क्षमता वर्धक पाउडर) बनाया गया है। यह कुल 15 जड़ी बूटियों, (जिनमें अधिकतर ऑर्गेनिक हैं) के मिश्रण से तैयार किया गया है। यह नुस्खा बहुत प्रभावशाली है। यद्यपि यह सीधी विक्री हेतु नहीं होकर, केवल मेरे पेशेंट्स के उपयोग हेतु ही बनाया गया है। कुछ लोग तथा व्यापारी इसकी सीधे मांग करते रहते हैं, चाहते हुए भी ऐसे लोगों की मांग की पूर्ति करना असंभव है।