शीघ्रपतन: क्या, क्यों और क्या इसका इलाज संभव है Premature Ejaculation: What, Why and Is it Curable?

शीघ्रपतन: क्या, क्यों और क्या इसका इलाज संभव है?
Premature Ejaculation: What, Why and Is it Curable?

 

01. कचरे को दिमाग से बाहर निकालें:
शीघ्रपतन हर एक पुरुष के यौन जीवन (Sexual life) से जुड़ा अत्यंत संवेदनशील (Extremely Sensitive) और महत्वपूर्ण (Important) विषय है। शीघ्रपतन से पीड़ित पुरुषों को शीघ्रपतन की वास्तविकता (Reality) को जानने और समझने के लिये सबसे पहले अपने मन में पहले से स्थापित यौन धारणाओं, आशंकाओं और गलतफहमियों (Sexual Concepts, Doubts and Misconceptions) के कचरे को अपने दिमाग से बाहर निकालना बहुत जरूरी है।

02. शीघ्रपतन के लिये अंग्रेजी में तीन टर्म:
स्त्री-पुरुष के यौन सम्बन्धों के दौरान, स्त्री की यौनतृप्ति/संतुष्टि से पहले ही पुरुष का वीर्यपात या वीर्य स्खलित (Ejaculation-the action of ejecting semen from the body) हो जाने को ही आम बोलचाल में शीघ्रपतन कहा जाता है। शीघ्रपतन के लिये अंग्रेजी में तीन टर्म यूज की जाती हैं। (ED=Early Discharge/अर्ली डिस्चार्ज or EE=Early Ejaculation/अर्ली इजाकुलेशन or PE=Premature Ejaculation/प्रीमैच्योर इजाकुलेशन)।

03. शीघ्रपतन उतनी बड़ी समस्या नहीं:
एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार हर एक पुरुष को अपने जीवन में कभी न कभी शीघ्रपतन की समस्या का सामना करना ही पड़ता है। 30-40% पुरुष जीवनभर शीघ्रपतन की समस्या का सामना करते रहते हैं। अत: अगर आप शीघ्रपतन की समस्या से परेशान हैं तो आपको इसे लेकर अधिक परेशान होने की जरूरत नहीं होनी चाहिये। क्योंकि शीघ्रपतन की समस्या से जूझने वाले आप अकेले पुरुष नहीं हैं, बल्कि संसार के एक-तिहाई से अधिक पुरुष शीघ्रपतन की समस्या से परेशान हैं। यद्यपि यहां पर यह स्पष्ट किया जाना जरूरी है कि ‘शीघ्रपतन उतनी बड़ी समस्या नहीं है, जितनी कि इसके बारे में डॉक्टर से खुलकर बात करने में शर्म-संकोच के कारण पुरुषों ने इसे बड़ा बना लिया है। इसके साथ-साथ गारण्टेड एवं शर्तिया इलाज का झांसा देकर लूट-खंसोट करने वाले सेक्स एक्सपर्ट या डॉक्टरों के चक्कर में फंसना भी पुरुषों के जीवन में शीघ्रपतन की समस्या के बने रहने का दूसरा बड़ा कारण है।

04. शीघ्रपतन क्या है?
प्रत्येक स्त्री-पुरुष को सबसे पहले इस बात को ठीक से समझना बहुत जरूरी है कि वास्तव में शीघ्रपतन कहते किसे हैं?

(1) जब एक पुरुष अपनी यौन सहयोगिनी (Sexual Partner) की योनि में लिंग को प्रवेश करवाकर लिंग का योनि में घर्षण करता है, तो घर्षण शुरू करने के बाद अत्यल्प समय (Very Short Time) में ही वीर्य स्खलित (Semen Discharged) हो जाने को सामान्यत: शीघ्रपतन कहा जाता है।
(2) पुरुष या स्त्री को यौन संतुष्टि (Sexual Satisfaction) मिलने से पहले ही वीर्य स्खलित हो जाना भी शीघ्रपतन कहा जा सकता है।
(3) योनि में लिंग को प्रवेश करवाने से पहले ही फोरप्ले (Foreplay) अर्थात सम्‍भोग पूर्व आपसी लैंगिक उत्तेजना एवं आनंददायक कार्य (sexual activity that precedes intercourse), जिसे एक शब्द में रोमांस कहते हैं के दौरान ही पुरुष के लिंग से स्वत: वीर्य निकल जाने को भी शीघ्रपतन कह सकते हैं।
(4) कामुक विचार, बातचीत, कामुक दृश्य, कामुक मूवी/फिल्म या किसी प्रिय, इच्छित या आकर्षक महिला को देखने या उसकी कल्पना करने से ही लिंग से स्वत: वीर्य निकल जाने को भी शीघ्रपतन कह सकते हैं।
(5) इसके अलावा भी कुछ अन्य कारण हो सकते हैं। जिनकी वजह से सेक्स शुरू करने, योनि में लिंग प्रविष्ठ करवाने एवं स्त्री की यौन संतुष्टि से पहले ही वीर्य स्खलित हो जाता है। इस स्थिति को भी शीघ्रपतन कहा जा सकता है।

05. वीर्य स्खलन की समय सीमा क्या होनी चाहिये?
योनि में लिंग प्रवेश कराने के बाद कितने समय में लिंग से वीर्य स्खलित होना आदर्श स्थिति मानी जानी चाहिये? इस विषय में विश्वभर के सैकड़ों वैज्ञानिक द्वारा अनेकानेक शोध और अध्ययन करने के बाद वे इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि वीर्य स्खलन की कोई निश्चित समय सीमा निर्धारित करना लगभग असम्भव है। क्योंकि शोध और अध्ययन के दौरान निम्न तथ्य सामने आये हैं:-

(1) भारत में सामान्यत: 1 से 3 मिनट में पुरुष डिस्चार्ज हो जाते हैं।
(2) अपवादस्वरूप 3 मिनिट से अधिक समय तक डिस्चार्ज नहीं होने वाले पुरुषों की सेक्स सहयोगी स्त्री को भी अनेकों बार पूर्ण यौन सन्तुष्टि नहीं मिलती है।
(3) कुछ स्त्रियों को 1 मिनट से भी कम समय में पूर्ण यौनानंद की प्राप्ति हो जाती है।
(4) स्त्रियों की यौन संतुष्टि का पुरुष वीर्य स्खलन जैसा कोई स्पष्ट तरीका नहीं है।

06. स्त्री की यौन संतुष्टि या यौन तृप्ति क्या है?
यह एक ऐसा सवाल है, जिसके बारे में स्त्रियों में भी मतैक्य का अभाव (Lack of Consensus) है। विश्वप्रसिद्ध महिला सेक्स-विशेषज्ञ मैरी स्टॉप्स का कहना है कि अधिकतर स्त्रियां यौन सन्तुष्टि के बारे में अपनी राय व्यक्त करते समय भ्रमित होती/भ्रमित रहती हैं। उनका कहना है कि यदि दस महिलाओं से यौनतृप्ति के अनुभव को शब्दों में व्यक्त करने को कहा जाये तो तकरीबन सभी के अनुभव भिन्न-भिन्न होंगे। इसका कारण स्पष्ट करते हुए मेरी स्टॉप्स कहती हैं कि प्रत्येक स्त्री का सेक्स ज्ञान, सेक्स अनुभव, सेक्स रुचि, सेक्स परफॉर्मेंश आदि का अनुभव अलग-अलग होता है। चूंकि स्त्री को पुरुष की भांति सेक्स के दौरान वीर्य या ऊर्जा स्खलन जैसा शारीरिक अनुभव नहीं होता, बल्कि स्त्री के लिये सेक्स का आनंद मानसिक पहले और शारीरिक बाद में होता है। कुछ अन्य स्त्री सेक्स एक्सपर्ट का कहना है कि सेक्स के दौरान स्त्री को केवल योनि में लिंग के घर्षण करने से ही यौनतृप्ति नहीं मिलती है, बल्कि स्त्री के अंग-अंग में यौनानंद की प्राप्ति होती है, बशर्ते उसका पुरुष साथी यौन कला में प्रवीण हो?

07. संभोग को स्त्री-पुरुष का समान भोग बताना कितना सही?

(1) संभोग को स्त्री-पुरुष का समान भोग बताने वालों द्वारा आमतौर पर लिखते और बोलते समय निम्न आदर्श वाक्य का प्रयोग किया जाता है:-

‘एक आदर्श सम्भोग में, स्त्री-पुरुष दोनों एक साथ समान रूप से, यौनानंद प्राप्त करते हैं। इसी कारण इस शारीरिक क्रिया को सम्भोग कहा जाता है।’
‘In an ideal sexual intercourse, both men and women receive equally, Sexual pleasure. For this reason, this physical activity is called SAMBHOG.’

(2) स्त्री की यौन संतुष्टि को पश्चिमी सेक्स एक्सपर्ट अंग्रेजी में आर्गेज्म/Orgasm कहते हैं। जबकि मैं इसके लिये हिन्दी में यौनतृप्ति या सेक्सुअ फुलफिलमेंट/Sexual Fulfillment लिखना या बोलना अधिक उपयुक्त समझता हूं। साथ ही संभोग को समान भोग बताने वाली उक्त धारणा मेरी राय में केवल कागजों तक ही सीमित है। वर्ष 1998 से लगातार दाम्पत्य विवाद सलाहकार के रूप में सेवाएं देने के दौरान अधिकतर स्त्रियों ने मुझे यह बताया कि वे यौन-सम्बन्धों के दौरान पुरुष से योनि में केवल लैंगिक घर्षण ही नहीं चाहती हैं, बल्कि सेक्स प्रारम्भ करने से पूर्व, सेक्स के दौरान और सेक्स के बाद (Before Sex, During Sex and After Sex) भी पुरुष की सम्पूर्ण मानसिक एवं शारीरिक सक्रियता चाहती हैं। जबकि पुरुष की मानसिकता इससे ठीक विपरीत या भिन्न होती है।

(3) मैं मेरे अनेक लेखों और वक्तव्यों में अनेक बार इस स्थिति को अग्रलिखित शब्दों में व्यक्त करता और लिखता आया हूं:—

‘स्त्री पुरुष के समक्ष समर्पण करती है, पुरुष का प्यार पाने के लिये। जबकि पुरुष स्त्री को प्यार करता है, स्त्री का शरीर पाने के लिये।’
‘Woman surrenders to man, to get love of man. While the man loves the woman, to get the body of the woman. ‘

(4) कुछ डींग हांकने वाले ढोंगी पुरुषों या पुरुष के अहं को पोषित करने वाली चतुर स्त्रियों के असत्य यौन दुष्प्रचार (Propaganda) को दरकिनार कर दिया जाये तो व्यवहार में बहुत कम ही ऐसा होता है, जबकि पुरुष के वीर्य स्खलन के साथ ही स्त्री को भी यौन तृप्ति मिले। जिसके बहुत से कारण हैं। जिन पर पृथक से विस्तार से लिखने की जरूरत है।

(5) ऐसी स्थिति में संभोग को स्त्री-पुरुष का एक समान यौनानंद या समान भोग कहना या बतलाना खोखला आदर्श और छलावा मात्र ही है। इसकी वास्तविकता सिर्फ स्त्रियां जानती हैं।

08. शीघ्रपतन का गर्भधारण से कोई सम्बन्ध है?
शीघ्रपतन के कारण परेशान अनेक पुरुषों के मनोमस्तिष्क में यह गलत धारणा अन्दर तक बैठ जाती है कि शीघ्रपतन के कारण वे पिता नहीं बन सकेंगे। विशेषकर युवाओं में यह आशंका घर कर जाती है, जबकि गर्भ धारण का शीघ्रपतन से कोई सम्बन्ध नहीं है। गर्भधारण के लिये सेक्स के दौरान वीर्य का अन्दर योनि में स्खलन होना मात्र ही पर्याप्त होता है। अत: शीघ्रपतन के कारण पिता नहीं बन सकने का भय 100% निराधार है।

09. स्त्रियां अपने यौनानंद या यौनतृप्ति के अनुभव को कैसे व्यक्त करती हैं?
यौन संसर्ग के दौरान (During Sexual Intercourse) स्त्रियों को यौनानंद का अनुभव कैसे होता है? इसे समझना काफी जटिल है। इस बारे में सामान्यत: सभी स्त्रियों के अनुभव एक जैसे नहीं होते हैं। यहां कुछ स्त्रियों के अनुभव उन्हीं के शब्दों में प्रस्तुत हैं:-

(1) अनेक स्त्रियां अपने अनुभवों में बतलाती हैं कि बेशक उनका डिस्चार्ज नहीं होता, लेकिन जब पुरुष उन्हें सम्पूर्णता से चाहता है। प्यार करता है और मानसिक तथा शारीरिक योगदान करता है तो लम्बे लैंगिक यौन घर्षण के बाद, योनि में ऐसी अनुभूति होती है, जैसे योनि का हर एक ऊतक शिथिल हो गया हो! (Every tissue of the vagina is relaxed)
(2) कुछ स्त्रियां बतलाती हैं कि उन्हें ऐसी अनुभूति होती है, जैसे योनि सहित, शरीर का हर एक अंग शिथिल हो गया हो! (Some women say that they have a feeling, as if every part of the body, including the vagina, has become relaxed)
(3) कुछ स्त्रियां को अपनी योनि में एक फुहार सी निकलती हुई अनुभव होती है! (Some women experience a squealing in their vagina), 
(4) कुछ स्त्रियों को ऐसा लगता है, जैसे कोई जलता हुआ गर्म अंगारा एकदम से ठंडा हो गया या बुझ गया हो? (Some women feel as if a burning hot ember has cooled down or extinguished?)
(5) वहीं कुछ का मानना है कि यौनतृप्ति के समय ऐसा लगता है, जैसे सागर की गहराई में गोते लगा रहे हों। (Some believe that during sexual gratification, it seems as if you are diving in the depths of the ocean)
(6) कुछ स्त्रियां बताती हैं कि योनि में ऐसा महसूस होता है, जैसे योनि बार-बार संकुचित हो रही है और वापस खुल रही है। उन पलों का आलौकिक आनंद अवर्णनीय होता है। उन पलों के दौरान भी यदि पुरुष स्खलित नहीं होता है और लैंगिक घर्षण जारी रखता है तो यौनानंद की कोई सीमा नहीं होती है। (Some women say that there is a feeling in the vagina, as if the vagina is repeatedly narrowing and opening back. The supernatural joy of those moments is indescribable. Even during those moments if the man does not ejaculate and continues sexual friction, then there is no limit to sexual pleasure.)

10. पत्नी निराश नहीं होती और धैर्यपूर्वक प्रतीक्षा करती है (Wife does not disappoint and waits patiently):

(1) प्रत्येक पति का अनिवार्य वैवाहिक दायित्व (Marital Liability) होता है कि वह अपनी पत्नी को सामाजिक सुरक्षा तथा संरक्षण प्रदान करने के साथ-साथ शारीरिक एवं भावनात्मक सुख भी प्रदान करे। (Every husband has a compulsory marital liability to provide social security and protection to his wife as well as provide physical and emotional happiness.)
(2) मगर दु:खद हकीकत यह है कि अधिकांश पति, अपनी पत्नी के भावनात्मक सुख की लालसा की परवाह ही नहीं करते हैं। अत: पत्नियों को हमेशा भावनात्मक पिपासा बनी ही रहती हैं। इस कारण अधिकांश पत्नियां जीवनभर फूट फूट कर रोती और तड़पती रहती हैं। (But the sad reality is that most husbands do not care about their wife’s longing for emotional pleasure. Hence, wives are always emotional thirsty. For this reason, most wives weep and suffering bitterly throughout their lives.)
(3) इसलिये इस बात में कोई संदेह नहीं, कि एक पति जब अपनी पत्नी को भावनात्मक सुख प्रदान करने में असमर्थ रहता है, तो यौन-क्रिया के दौरान एक पत्नी को, पति से शारीरिक सक्षमता की उम्मीद तो रहती ही है। (So there is no doubt that when a husband is unable to provide emotional pleasure to his wife, during sexual activity, a wife is expected to have physical competence from the husband.)
(4) ऐसे हालात में पत्नी के मन में अपने पति से पर्याप्त समय तक लैंगिक यौन घर्षण करने की आकांक्षा बनी रहती है। कभी न मरने वाली यह आशा, उसके मन में हमेशा जिंदा रहती है। (In such a situation, the wife has the desire to have sexual abrasion from her husband for enough time. This never-ending hope is always alive in her mind.)
(5) सहज में निराश नहीं होना, स्त्री की आनुवांशिक विशेषता है। इसीलिये पत्नी हमेशा इस उम्मीद में जीती है, कि यौन संसर्ग के दौरान, कभी न कभी, यदा-कदा उसे यौनतृप्ति मिल ही जायेगी। (It is a genetic trait of a woman not to be easily disappointed. That is why the wife always lives in the hope that during sexual intercourse, sometimes, she will get sexual intercourse occasionally.)
(6) पत्नी के इस आशाभरे नजरिया को वैवाहिक रिश्ते और पति के अहं को जिंदा रखने की प्रमुख आधारशिला कहा जा सकता है। (This optimistic attitude of the wife can be said to be the main cornerstone of the marital relationship and husband’s ego alive.)

11. क्या शीघ्रपतन दाम्पत्य बिखराव का कारण बन सकता है (Can premature ejaculation cause of marital failuar)?

(1) इन दिनों तेजी से बदलते सामाजिक हालातों में, जबकि स्त्री-पुरुष के मध्य विवाह पूर्व यौन सम्बन्ध (Pre-marital Sex) और विवाहेत्तर यौन सम्बन्ध (Extramarital Sex) सामान्य बात हो चुकी है। (These days in rapidly changing social conditions, while pre-marital sex and extramarital sex between men and women is common.)

(2) ऐसे में यदि किसी स्त्री को जब कभी, विवाह से पूर्व या विवाह के बाद, उपरोक्त वर्णित सम्पूर्ण यौनतृप्ति का अनुभव प्राप्त हो जाता है, तो उसे हर बार सेक्स में इसी प्रकार की यौनतृप्ति की उम्मीद बनी रहती है। जो स्वाभाविक भी है। (In such a situation, whenever a woman experiences complete sexual deviance, as mentioned above, before marriage or after marriage, every time she has the expectation of same sexuality in sex. Which is also natural.)

(3) मगर यदि उसे बाद में, यौनतृप्ति की अनुभूति नहीं होती है तो वह अपने प्रेमी या पति से नाखुश रहने लगती है। (But if she does not feel sexual gratification later, then she starts unhappy with her lover or husband.)

(4) यदि ऐसी स्त्री विवाहित है तो अपने पति को नाकारा, नपुंसक और सेक्स क्रिया में असफल मानकर चिड़चिड़ी भी हो जाती है। (If such a woman is married, she also becomes irritable considering her husband to be inferior, impotent and unsuccessful in sex.)

(5) इन हालातों में पुरुष का काम कला में प्रवीण नहीं होना या शीघ्रपतन का शिकार होना, विवाहेत्तर यौन सम्बन्ध या दाम्पत्य के बिखराव का कारण भी बन सकता है। (In these circumstances, if a man not proficient in sex art or being a victim of premature ejaculation, can also lead to extramarital sex or failuar of marriage.)

(6) इन दिनों ऐसे मामले सामने आ रहे हैं, जबकि यौनतृप्ति नहीं मिलने के कारण विवाहेत्तर यौन सम्बन्ध बन रहे हैं और तलाक भी हो रहे हैं। यद्यपि मूल वजह यानी यौन अतृप्ति बहुत कम मामलों में सार्वजनिक हो पाती है। (Such cases are coming up these days, when extramarital sexual relations are happening due to lack of sexual intercourse and divorce is also happening. Although the root cause, ie sexual dissetisfiction, becomes public in very few cases.)

13. शीघ्रपतन के कारण ( Reasons of Premature Ejaculation):

उपरोक्त पृष्ठभूमि (Background) के होते हुए भी बहुत से पुरुषों को वास्तव में शीघ्रपतन की समस्या होती है। जिसके निम्न प्रमुख कारण हैं:-

1. स्त्री-पुरुष की प्रकृतिदत्त भिन्न मनोस्थिति अर्थात पुरुष शीघ्रता से सब कुछ पा लेना चाहता है, जबकि स्त्री आराम से सम्पूर्ण यौन तृप्ति की प्रतीक्षा करती है। (Different nature of man and woman means that man wants to get everything quickly, while woman waits for complete sexual fulfillment.)

2. वास्तविक एवं व्यावहारिक यौन शिक्षा का अभाव। (Lack of real and practical sex education.)
3. अपरिहार्य कारणों से लम्बे समय बाद सेक्स करना। (Having sex for a long time due to unavoidable reasons.)
4. शीघ्रपतन हो जाने की आशंका का भय। (Fear of Phobia of Premature Ejaculation.)
5. पत्नी को संतुष्ट नहीं कर पाने की आशंका। (Fear of not satisfying to wife.)
6. तनाव, मानसिक दबाव या क्लेशमय स्थिति के दौरान सेक्स। (Sex during stress, mental pressure or distress situations.)
7. डिप्रेशन के दौरान सेक्स करना। (Having Sex During Depression.)
8. सेक्स के दौरान किसी के देखे/पकड़े जाने का भय। (Fear of being seen/caught during sex.)
9. मन में इस बात का भय कि लम्बे समय तक स्खलन को रोकना मुश्किल होगा। (There is a fear in the mind that it will be difficult to stop ejaculation for a long time.)
10. सेक्स के प्रति नकारात्मक या अपराधबोधात्मक सोच। (Negative or guilt thinking about sex.)
11. नासमझ या नापसंद या बेमेल यौन साथी। (Goofy or dislike or mismatched sexual partner.)
12. स्त्री का दुर्गंध फैलाने वाली ल्यूकोरिया की बीमारी से पीड़ित होना। (Suffering from leukorrhea disease which causes stench from woman’s orgen.)
13. सेक्स के दौरान स्त्री द्वारा सपोर्ट नहीं किया जाना। (Not to be supported by woman during sex.)
14. हार्मोंस की गड़बड़ी। (Disturbances of hormones.)
15. पुरुष का प्रोस्टेट, थाइरोइड या डायबिटीज से पीड़ित होना। (Man to be suffering from prostate, thyroid or diabetes.)
16. पुरुष के मन में अपने लिंग के आकार को लेकर भ्रांति होना। (Confusion in the mind of man about the size of his penis.)
17. पुरुष को फैंफड़ों सम्बंधी कोई बीमारी होने के कारण, अधिक समय तक लैंगिक यौन घर्षण करने से सांस फूल जाने का भय बने रहना। (Due to a male disease related to the lungs, there is a fear of breathlessness due to prolonged sexual friction.)
18. पुरुष के मस्तिष्क में रसायनों का स्तर असामान्य होना। (Abnormal levels of chemicals in male brain.)
19. सेक्स कलाओं की अज्ञानता। (Ignorance of Sex Arts.)
20. लिंग और योनि के आकार में अत्यधिक असमानता। (Extreme inequality in the size of genders/penis and vagina.)
इत्यादि।

13. क्या शीघ्रपतन का उपचार संभव है (Is treatment of premature ejaculation possible)?

जिस प्रकार से अधिकांश स्त्रियों के दिमाग में यह गलतफहमी बैठी हुई रहती है कि प्रदर औरतों की आम समस्या है और प्रदर का कोई उपचार नहीं है। ठीक उसी प्रकार से अधिकांश पुरुषों के दिमाग में भी यह बात घर कर जाती है कि प्राय: सभी पुरुषों को शीघ्रपतन होता रहता है और इसका कोई उपचार नहीं है। यहां पर पहली बात तो सही है कि ‘प्राय: सभी पुरुषों को शीघ्रपतन होता रहता है’, लेकिन दूसरी बात पूरी तरह से सत्य नहीं है कि शीघ्रपतन का कोई उपचार नहीं है। दूसरे उपचारकों के बारे में मुझे कुछ भी कहने का हक नहीं, लेकिन मेरा अपना अनुभव है कि शीघ्रपतन का निम्न प्रकार से स्थायी उपचार संभव है:

(1) काउंसलिंग: अधिकतर पेशेंट्स के दिमाग में शीघ्रपतन और सेक्स को लेकर अनेक प्रकार के सवाल तथा उलझनें होती हैं, जिनके प्रोपर जवाब नहीं मिलने के कारण, उनके मन में तरह-तरह की उधेड़बुन चलती रहती है। जिसके मानसिक और शारीरिक दुष्परिणाम खतरनाक हो सकते हैं। अत: सबसे पहले पेशेंट को एक-एक उलझन के समाधान हेतु काउंसलिंग की जरूरत होती है।
(2) हेल्दी डाइजेशन सिस्टम: भारत में 80% से अधिक लोगों का डाइजेशन सिस्टम यानी पाचन तंत्र ठीक नहीं है। अत: सबसे पहले तो मुझे ऐसे पेशेंट्स का बिगड़ा हुआ डाइजेशन सिस्टम (Designation System) ठीक करना होता है। ताकि उन्हें मेरी ओर से जो महत्वपूर्ण ऑर्गेनिक देसी जड़ी-बूटियां सेवन करायी जावें, वे उसके शरीर में जाकर ठीक से डायजेस्ट हो (पच) सकें और इन जड़ी बूटियों में अंतर्निहित गुणों से पेशेंट के शरीर के लिये जरूरी रस, रक्त, वीर्य, विटामिंस, प्रोटींस, मिनरल्स आदि का निर्माण हो सके।
(3) पावरफुल इम्यून सिस्टम: जिन पेशेंट्स का पाचन तंत्र कमजोर या खराब होता है और जिन्हें विभिन्न प्रकार के तनाव या मानसिक दबाव झेलने पड़ते हैं, उन सभी का इम्यून सिस्टम कमजोर या खराब होता है। यानी ऐसे लोगों की रोगों से लड़ने की शक्ति कमजोर या नगण्य हो चुकी होती है। अत: पेशेंट्स के आंतरिक सिस्टम को डिटॉक्सीफाई करके, उनकी इम्यूनिटी पावर यानी रोगों से लड़ने की ताकत को प्राकृतिक रीति से इस प्रकार से बढाया जाता है, जिससे कि वह आगे भी निरंतर बनी रहे। इस प्रकिया में लम्बा समय लग सकता है।
(4) लक्षणानुसार होम्योपैथक+बायोकेमिक उपचार: उपरोक्त के साथ-साथ पेशेंट्स के मानसिक, स्वभावगत और शारीरिक लक्षणों तथा रोग की स्थिति के अनुसार उचित शक्ति एवं मात्रा में दुष्प्रभाव रहित, उच्च गुण्वत्ता वाली जर्मन होम्योपैथिक एवं बायोकेमिक दवाइयां भी निर्धारित समय तक सेवन करवाई जाती हैं। जिससे रोगी का सम्पूर्ण उपचार होता है।
(5) ऑर्गेनिक देशी जड़ी-बूटी: रोगी की शारीरिक व्याधियों के अनुसार स्वास्थ्यवर्धक तथा शक्तिवर्धक पोषक तत्वों एवं शुद्ध, ताजा एवं ऑर्गेनिक देशी जड़ी-बूटियों का सेवन करवाया जाता है। जिससे रोगी की आंतरिक, बाहरी, मानसिक तथा शारीरिक कमी तथा कमजोरी दूर होती है।

14. सार्वजनिक संदेश:

उपरोक्त समस्त विवरण को पढने या जानने-समझने के बाद जो पेशेंट मुझ से उपचार लेने को उत्साहित हों, उन्हें इस लेख के जरिये सार्वजनिक रूप से स्पष्ट संदेश दिया जा रहा है कि-

मेरा न तो कोई अस्पताल या क्लीनिक है और न ही मेरा कोई सहायक है।
दूसरी ओर पेशेंट्स की संख्या लगातार बढती ही जा रही है।
इस कारण मेरे यहां पेशेंट्स की 1 से डेढ महीना की वेटिंग लिस्ट हमेशा पेंडिग रहती है।

15. हेल्थकेयर वाट्सएप नं.: 8561955619 पर स्वागत:

जो पेशेंट मेरी कड़वी, किंतु वास्तविक बातों को समझने और स्वीकार करने के साथ-साथ धैर्यपूर्वक इंतजार करने और मुझ से उपरोक्तानुसार उपचार करवाने के लिये सहमत हो जाते हैं। उनका मेरे हेल्थकेयर वाट्सएप नं.: 8561955619 (Call Between 10 to 18 hrs. only) पर स्वागत है। ऐसे पेशेंट्स को स्वस्थ करने की मैं सम्पूर्ण कोशिश करता हूं। यद्यपि परिणाम तो प्रकृति (जिसे अधिकतर लोग ईश्वर मानते हैं) पर ही निर्भर करते हैं। उपचार लेने की शुरूआत करने से पहले जानें:-

1. मैं पेशेंट को उपचार प्रक्रिया की सारी बातें मेरे हेल्थकेयर वाट्सएप 8561955619 पर लिखित में क्लीयर कर देता हूं।
2. सारी बातों को जानने, समझने और सहमत होने के बाद, पेशेंट को दो महीना के अनुमानित चार्जेज बैंक खाते में अग्रिम/एडवांश जमा करवाने होते हैं।
3. इसके बाद पेशेंट के लक्षणों और बीमारी के बार में पेशेंट से कम से कम 30-40 मिनट मो. पर विस्तार से जानकारी प्राप्त करता हूं।
4. पेशेंट के लक्षणों और उसकी सभी तकलीफों के विवरण के आधार पर प्रत्येक पेशेंट का विश्लेषण करके, पेशेंट के लिये वांछित ऑर्गेनिक देसी जड़ी-बूटियों तथा होम्योपैथिक व बायोकेमिक दवाइयों की सूची बना करके, दवाइयों का कुल अंतिम मूल्य निर्धारण किया है।
5. अंतिम मूल्य निर्धारण के बाद यदि कोई बकाया राशि पेशेंट से लेनी हो तो उसके बारे में पेशेंट को वाट्एसप पर सूचित किया जाता है। शेष राशि जमा करने के बाद, पेशेंट को उसके बताये पत्राचार के पते पर भारतीय डाक सेवा से रजिस्टर्ड पार्सल के जरिये दवाइयां भिजवादी जाती हैं।
6. पेशेंट को हर 7 दिन में अपनी हेल्थ रिपोर्ट मेरे हेल्थकेयर वाट्सएप पर भेजनी होती है।
7. 40 दिन की दवाइयों का सेवन करने के बाद पेशेंट को हमसे बात करनी होती है और आगे दवाइयां जारी रख्ना जरूरी होने पर 20 दिन एडवांश आगे की दवाई का मूल्य जमा करना होता है। जिससे दवाई सेवन में बीच में गैप/अंतरल नहीं होने पाये।

अंत में, मैं जनहित में सभी को बहुत आसान और सरल सी बात समझाना चाहता हूं कि-

(1) अन्य किसी भी प्रकार के आलतू-फालतू के शौक पालने से पहले अपने स्वास्थ्य की रक्षा के महत्व को समझना सीखें।
(2) पेशेंट्स को समझना होगा कि महंगे वाहन, आकर्षक कपड़े, आलीशान मकान, साज श्रृंगार, शारीरिक सौंदर्य और करोड़ों का बैंक बैलेंस भी कोई मायने नहीं रखते, यदि उन्होंने अपना स्वास्थ्य खो दिया। विशेषकर यदि पाचन शक्ति कमजोर हो चुकी है, तो जीवन निरर्थक है।
(3) इसलिये यदि आपको पूर्ण आयु तक सम्पूर्णता से स्वस्थ तथा जिंदादिल जिंदगी जीनी है तो खाली पेट चाय, कॉफी, धूम्रपान, गुटखा, शराब आदि सभी प्रकार के नशे की लतों को तुरंत त्याग देना चाहिये और इनके बजाय उत्साहवर्धक साहित्य खरीद कर पढने, पौष्टिक खाद्य व पेय पदार्थों और आरोग्यकारी, पुष्टिकारक तथा बलवर्धक औषधियों का सेवन करने पर अपनी कमाई का कुछ हिस्सा उदारतापूर्वक खर्च करते रहना चाहिए।
(4) इससे आपको अपने जीवन में ग्लानि, दुर्बलता, स्मरण शक्ति का लोप आदि की शिकायतें कभी नहीं होती हैं।
(5) कौन मूर्ख व्यक्ति ऐसा होगा, जो स्वस्थ एवं तंदुरुस्त नहीं रहना चाहेगा?

आदिवासी ताऊ डॉ. पुरुषोत्तम लाल मीणा, संचालक निरोगधाम, जयपुर। पराम्परागत उपचारक एवं काउंसलर, हेल्थकेयर वाट्सएप: 8561955619 बात केवल 10 से 18 बजे के मध्य। लेखन दिनांक: 30.11.2017, संपादन दिनांक: 27.10.2018 & 24.01.2020

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *