शराब का आतंक
शराब का आतंक
शराब शौक में शुरू होती है और फिर पीने वाले को गुलाम बना लेती है। दु:खद दुष्परिणाम-प्रतिदिन 400 से अधिक लोग सड़क दुर्घटनाओं में बेमौत मारे जा रहे हैं। जिनमें सर्वाधिक संख्या 18 से 38 वर्ष के युवाओं की है। अधिकतर दुर्घटनाओं के पीछे शराब होती है।
जो कोई शराब छोड़ना चाहे, उसकी शराब की लत होम्योपैथक दवाइयों, देशी जड़ी बूटियों के सेवन और काउंसलिंग के जरिये छुड़ाई जा सकती है। स्थानीय डॉक्टर से सम्पर्क करें।
आदिवासी ताऊ डॉ. पुरुषोत्तम लाल मीणा, परम्परागत उपचारक एवं काउंसलर
निरोगधाम, जयपुर, राजस्थान हेल्थकेयर वाट्सएप: 8561955619
(Call 10 to 18 Hrs) No OPD, No Clinic, Only Online Services. 31.01.2020