आंवला, अदरक और नींबू का डिटॉक्स ड्रिंक Detox Drink
शरीर को डिटॉक्स यानी विषैले पदार्थों से मुक्त करने/रखने के लाभ:
1.अतिरिक्त कचरे और चर्बी से छुटकारा।
2. ताजगी और ऊर्जा में वृद्धि।
3. प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है।
4. श्वसन प्रक्रिया में सुधार।
5. वजन नियंत्रित और कम करने में सहायक।
6. एंटी-एजिंग यानी वृद्धावस्था की गति धीमी हो जाती है।
1. ऑर्गेनिक अदरक-100 ग्राम2. ऑर्गेनिक आंवला-250 ग्राम3. ऑर्गेनिक नींबू-250 ग्राम
1-ऑर्गेनिक ताजा आंवलों को बारीक काट लें और गुठली को अलग कर दें।2-फिर आंवले के टुकड़ों को मिक्श्चर के जार में डालकर अच्छे से पीस लें।3-साफ सफेद कपडे की मदद से एक साफ बर्तन में आंवले का रस निचोड़ लें।4-इसी तरह से अलग बरतन में अदरक का भी रस निचोड़ लें।5-दोनों के रस को एक साथ मिलाएं और लगभग 5 मिनट गर्म करें।6-उक्त रस के मिश्रण को ठंडा करें और इसमें नींबू का रस निचोड़ें।
नोट: मैं अपने उन पेशेंट्स को जो किन्हीं कारणों से अपने घर पर उक्त ताजा मिश्रण नहीं बना सकते, उन्हें ऑर्गेनिक अदरक, ऑर्गेनिक आंवले का शुद्ध एवं ताजा पाउडर सहित कुछ अन्य जरूरी तत्वों के मिश्रण वाला पाउडर [TRP-42 Body Detoxification Powder-बॉडी डिटॉक्सिफिकेशन पाउडर] उपलब्ध करवाकर उनकी जरूरत के अनुसार से 3 से 5 ग्राम प्रति खुराक/डोज सेवन करवाता हूं। जिसके परिणाम भी बहुत अच्छे हैं।
उक्त ड्रिंक अलावा भी शरीर को डिटॉक्स करने के कुछ आसान और घरेलु तरीके हैं। जो शरीर को स्वस्थ बनाये रखने में मददगार सिद्ध होते हैं। स्वस्थ रहना है तो आप भी इन्हें अवश्य आजमा सकते हैं:-
1. व्यायाम यानी नियमित एक्सरसाइज:
शारीरिक श्रम यानी व्यायाम अर्थात एक्सरसाइज़ शरीर को विषैले पदार्थों से मुक्त यानी डिटॉक्स करने का सबसे बेहतरीन, बल्कि श्रृेष्ठ तरीका है। अत: शरीर को स्वस्थ और सडौल बनाये रखना है तो नियमित रूप से 30 व्यायाम करें। व्यायाम करने से न मात्र शरीर स्वस्थ और फिट रहेगा, बल्कि दिमाग भी स्वस्थ और तेज होता जायेगा।
2.ऑर्गेनिक प्रॉडक्ट्स इस्तेमाल करें:
आजकल खाद्य पदार्थों में इतनी मिलावट की जाती है कि इनके मार्फत भी विषैले तत्व शरीर में पहुंच रहे हैं। इसलिये जहां तक संभव हो, ऑर्गेनिक खाद्य पदार्थों का ही सेवन करें।
3. जमकर पानी पियें:
शरीर को टॉक्सिंस से बचाये रखने और डिटॉक्स करने का सबसे सस्ता और आसान तरीका है-अधिक से अधिक और जमकर पानी पियें। दिनभर में रोज़ाना लगभग 5-6 लीटर पानी जरूर पियें। अधिक पानी पीने से शरीर में मौजूद विषैले पदार्थ मूत्र या पसीने के माध्यम से शरीर से बाहर निकलते रहेंगे।
4. चीनी से परहेज:
शरीर से विषैले पदार्थों को बाहर निकालने और मेटाबॉलिज़्म यानी चपापचय को बढ़ाने के लिए अपनी जीभ पर नियंत्रण करके चीनी खाने से परहेज़ करना होगा। क्योंकि चीनी का अधिक सेवन जहर के समान होता है। जो लोग मीठे पर नियंत्रण रख सकते हम होम्योपैथ ऐसे लोगों का होम्योपैथिक उपचार करते हैं। जिससे मीठा खाने की तलब कम हो जाती है। जो भी करना पड़े, लेकिन चीनी का कम से कम सेवन करें।
5. ताजा फल और सब्जियों का सेवन:
अपने नियमित आहार में फल और सब्जियां अवश्य शामिल करें। इससे लीवर एंजाइम सक्रिय हो जाएंगे जो शरीर में मौजूद विषैले पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करेंगे। नियमित रूप से फल और सब्ज़ियों के अधिक सेवन से वजन भी नियंत्रित रहता है।
6. हल्का भोजन:
डिटॉक्सिफिकेशन की कोई भी रीति या प्रक्रिया अपनाने के दौरान हल्का भोजन लें। इससे जहां एक ओर आपका वजन कम होगा, वहीं दूसरी ओर ऊर्जा का संचार होगा।साथ ही साथ हल्का भोजन लेने से कोलेस्ट्रॉल और शुगर लेवल भी नियंत्रित रहेगा।
7. लहसुन का सेवन:
लहसुन के नियमित सेवन से भी शरीर को डिटॉक्स करने में मदद मिलती है।लहसुन एंटीऑक्सीडेंट का निर्माण होता है। एंटीऑक्सीडेंट शरीर में मौजूदा विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है।
8. चाय-कॉफी को ना कहें और हर्बल टी अपनायें:
सुबह खाली पेट या दिन में बार—बार अधिक चाय-कॉफी पीना अस्वास्थ्यकर और हानिकारक हो सकता है। अत: चाय-कॉफी को ना कहें और हर्बल टी अपनायें। हर्बल टी के सेवन से पाचन तंत्र की समस्याओं मुक्ति मिलती है। साथ ही हर्बल टी रक्त संचार को बढ़ाती है, जिससे शरीर के विषैले तत्व बाहर निकल जाते हैं। हर्बल टी के सेवन से नींद भी अच्छी आती है।
9. नियमित रूप से जूस:
अपनी दिनचर्या में कम से कम एक बार जूस पीने की आदत को अवश्य शामिल करें। ताजे फल और सब्जियों का जूस पीने से शरीर से विषाक्त पदार्थ जल्दी बाहर निकलते हैं और चहरा चमकने लगता है।
10. बीड़ी-सिगरेट-शराब को ना कहें:
यदि शरीर को विषैले पदार्थों से मुक्त करना लक्ष्य है तो इस लक्ष्य में बड़ी रुकावट यानी बीड़ी, सिगरेट, शराब, गुटखा, तम्बाकू आदि को हमेशा को ना कहें। अन्यथा शरीर को पूरी तरह से डिटॉक्स करना असंभव है।
11. सक्रिय रहें:
शरीर को विषैल पदार्थों से मुक्त रख कर, स्वस्थ एवं फिट रहना है तो शारीरिक और मानसिक रूप से सक्रिय रहना बहुत जरूरी है। लम्बे समय तक एक जगह पर बैठे नहीं रहें। यदि आपका कार्य बैठे रहने का है तो भी बीच-बीच में उठकर कुछ मिनट इधर उधर घूमने की आदत डालें।
12. तली-भुनी, मसालेदार और बेक की हुई चीजों को ना कहें:
तली-भुनी, मसालेदार और बेक की हुई चीजें स्वादिष्ट जरूरी लगती हैं, लेकिन ये सभी आपके शरीर को विषैले पदार्थों से मुक्त रखने में बाधक होती हैं। अत: तली-भुनी, मसालेदार और बेक की हुई चीजों को ना कहें।
13. धीरे-धीरे और चबा-चबा कर खाएं:
यदि अपने भोजन का पूरा लाभ लेना है, तो हमेशा अपने भोजन को धीरे-धीरे और चबा-चबा कर ही खाएं। बेशक ऐसा करने में कुछ मिनट अतिरिक्त समय लग सकता है, लेकिन ऐसा करने से जहां भोजन ठीक से पचता है, वहीं बहुत सी बीमारियों से बचा जा सकता है।
14. पर्याप्त नींद बहुत जरूरी:
नियमित रूप से 7-8 घंटे की पर्याप्त नींद बहुत जरूरी है। रात में जल्दी सोने और सुबह जल्दी उठने की आदत डालें। यह आदत अच्छी सेहत के लिए बहुत जरूरी है। पर्याप्त नींद से हम रिचार्ज होते हैं। जिससे हमारी बॉडी ठीक से काम करने में सक्षम हो पाती है।
15. तनाव मुक्त और प्रसन्न रहें:
हमारी मनोस्थिति का हमारे शरीर पर ही नहीं, बल्कि सम्पूर्ण व्यक्तित्व पर स्थायी तथा गहरा प्रभाव होता है। अत: हर हाल में तनाव मुक्त और प्रसन्न रहें। इसके लिये कुछ टिप्स:
(1) नाकारात्मक और विघ्वशात्मक गतिविधियों, लोगों, माहौल, फिल्मों आदि से दूर रहें।
(2) सकारात्मक, सक्रिय और रचनात्मक लोगों से मित्रता रखें।
(3) मानसिक ग्रंथियों को सुझाने वाले मौलिक साहित्य का अध्ययन करें।
होम्योपैथिक उपचार:
शरीर को विषैले पदाथों से मुक्त करने हेतु होम्योपैथिक दवाएं। होम्योपैथी का सिद्धांत है, लक्षाणानुसार चिकित्सा। अत: शरीर को डिटॉक्स करने में भी लक्षणानुसार ही होम्योपैथिक दवाइयों का सेवन किया जाना चाहिये। अत: यहां कुछ प्रमुख होम्योपैथिक दवाइयां प्रस्तुत हैं:
1. Aloe-एलो:
शारीरिक श्रमविहीन जीवन व्यतीत करने वालों के दुष्प्रभावों को ठीक करने में यह विशिष्ट दवाई है। यह दवाई मलांत्र के detoxification यानी विषहरण के लिए विशेष उपयोग की जाती है।
2. Berberis Vulgaris-बर्बेरिस वल्गारिस:
यह एक शक्तिशाली गुर्दा और यकृत के विषैले पदाथों की सवाई करने वाली दवाई है। साथ ही यह यूरिक एसिड के स्तर को कम करती है और यूरिक एसिड की पथरी को घोल देती है।
3. Chelidonium-चेलिडोनियम:
एक विश्वसनीय यकृत और पित्ताशय की तंत्रिकाओं की सफाई हेतु और विशेष रूप से मोटे/गाढे पित्ताशय स्राव और पित्त पथरी से मुक्ति दिलाने में सहायक होती है।
4. Fumaria Officinalis-फ्यूमरिया ऑफ़िसिनैलिस:
यह रक्त को शुद्ध करके शरीर को डिटॉक्स करती है, जिससे लीवर की कार्यक्षमता में वृद्धि होती है।
5. Hydrastis-हाइड्रैस्टिस:
यकृत/लीवर, पित्ताशय, मूत्राशय और आंतों को विषैले पदार्थों से मुक्त करने और शरीर को अतिरिक्त बलगम से छुटकारा पाने में सहायक होती है।
6. Nux Vomica-नक्स वोमिका:
21 वीं सदी के पुरुषों की मुख्य दवाई है, जो निष्क्रिय जीवनशैली और उत्तेजक पदार्थों, अत्यधिक खाद्य पदार्थों, कॉफी, सिगरेट और शराब के सेवन कारण होने वाले लक्षणों के उपचार हेतु सर्वोत्तम दवाई है। यह जिगर और आंतों के विषैले पदार्थों से मुक्ति दिलाने में सहायक होती है।
7. Saponaria-सैपोनारिया:
इसका उपयोग त्वचा को डिटॉक्स करने के लिए किया जाता है।
8. Senega-सेनेगा:
यह एलर्जी के साथ श्वसन तकलीफों से पीड़ित लोगों के विषैले पदार्थों से मुक्ति दिलाने वाली एक प्रभावी दवाई है।
9. Taraxacum Officinale-टारैक्सैकम ऑफ़िसिनेल:
पेट और पाचन तकलीफों से पीड़ित लोगों के लिये यह बेहतरीन दवाई है।
10. Uva Ursi-उवा उर्सि:
यह एक प्रभावी मूत्र एंटीसेप्टिक दवाई है जो गुर्दे और प्रजनन प्रणाली की कार्यप्रणाली के कामकाज को ठीक से संचालित करने में सहायक है।